पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित फोटोग्राफर नेमाई घोष का निधन


 
वयोवृद्ध फोटोग्राफर और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित नेमाई घोष का निधन।

उन्हें निर्देशक सत्यजीत रे के साथ एक स्टील फोटोग्राफर के रूप में काम करने के लिए जाना जाता है, जिन्होंने 2 दशकों से अधिक समय तक अभिनय करने वाले अभिनेताओं के बीच दबदबा बनाए रखा था।

नेमाई घोष ने "गोपी गयने बाघा बयने" (1969) से अपने करियर की शुरुआत की और सत्यजीत रे के साथ उनकी आखिरी फिल्म "अगुनतुक" (1991) तक काम किया था।

इसके अलावा उन्होंने “Dramatic Moments: Photographs and Memories of Calcutta Theatre from the Sixties to the Nineties” & “Manik Da: Memoirs of Satyajit Ray” जैसी किताबो का भी लेखन किया। साथ ही उन्होंने 2007 के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में जूरी सदस्य के रूप में भी काम किया था।


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